DOLO- 650 दवा का नाम चर्चा में, इस मामले में अगली सुनवाई

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>न्यूज़ क्राइम 24&colon;<&sol;strong> आज कल DOLO &&num;8211&semi; 650 दवा का नाम काफी चर्चा में है। कोरोनाकाल में इस दवाई का सेवन हम सब ने अपनी जान बचने के लिए किया है&comma; यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले कि सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने भी कहा कि जब उन्हें कोरोना हुआ था तब उनके डॉक्टर ने भी उन्हें DOLO &&num;8211&semi; 650 खाने कि सलाह दी थी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कोरोनाकाल में Dolo 650 की बिक्री में बंपर तेजी देखने को मिली थी। इसके पीछे का एक कारण यह भी है &&num;8211&semi; 500 मिलीग्राम तक की किसी भी टैबलेट की बाजार कीमत सरकार द्वारा कंट्रोल्ड होती है। लेकिन 500 एमजी से ऊपर की टैबलेट की कीमत फार्मा कंपनी द्वारा तय की जाती है। यही कारण है कि 500 एमजी से अधिक की टैबलेट की कीमत अधिक होती है ताकि कंपनियां अधिक से अधिक प्रॉफिट कमा सके।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>एक NGO ने दावा किया है कि दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए डोलो दवा कंपनी ने डॉक्टरों को 1&comma;000 करोड़ रुपये के गिफ्ट बांटे हैं । इस पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए कहा कि इस आरोप की तह तक जाना चाहिए। इस मामले की अगली सुनवाई 29 सितम्बर को होंगी<&sol;p>&NewLine;

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