डेंगू एवं चिकनगुनिया से बचाव के बारे में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ किया जा रहा संवाद


पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) पटना शहरी क्षेत्र में डेंगू एवं चिकनगुनिया का प्रकोप बना हुआ है. इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क है. साथ ही इससे निपटने के लिए अलर्ट मोड में काम किया जा रहा है. इसी क्रम में पटना के सरकारी विद्यालयों में छात्र एवं छात्राओं तथा स्कूल के शिक्षकों को डेंगू एवं चिकनगुनिया के खतरे के बारे में जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य पदाधिकारियों द्वारा भ्रमण कर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें डेंगू एवं चिकनगुनिया से बचाव तथा मच्छर से बचाव की जानकारी दी जा रही है.

मच्छर से सुरक्षा है डेगू से बचाव का सर्वोत्तम उपाय:


वनिता विहार बालक मध्य विद्यालय, राजेंद्रनगर में छात्रों को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, भारत सरकार डॉ. रवि शंकर सिंह ने कहा कि डेंगू एवं चिकनगुनिया से बचने के लिए घर में साफ सफाई पर ध्यान रखें, कूलर एवं गमले का पानी रोज बदलें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर भागने वाली क्रीम का इस्तेमाल दिन में करें, स्कूल पूरी आस्तीन के कपड़े पहन कर आयें, आस-पास गंदगी जमा नहीं होने दें एवं अपने दोस्तों को भी डेंगू से बचने के उपाय बताएं.


चिकित्सक से करें संपर्क:

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बेली रोज स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय नंबर 2 में बच्चों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. अशोक कुमार ने कहा कि अगर डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीज को नाक एवं जबड़े से खून आने लगे अथवा काला रंग का शौच हो तो अविलंब डॉक्टर को दिखाएँ. यह गंभीर स्थिति का सूचक है और नजरंदाज करने से यह जानलेवा साबित हो सकता है.


बच्चों एवं शिक्षकों को किया गया जागरूक:


स्कूल के बच्चों को संबोधित करते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद ने कहा कि डेंगू के लक्षण सात दिन के अंदर स्पष्ट होने लगते हैं. दर्द, उल्टी, बुखार, आंखों के पीछे दर्द होना इसके विशेष लक्षण हैं. दर्द से बुखार आ जाता है, जिसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. एक व्यक्ति के बुखार से संक्रमित होने पर इसका खतरा अन्य लोगों को भी होता है. उन्होंने कहा कि बरसात का मौसम डेंगू के अनुकूल होता है. इसलिए घर के आसपास सफाई रखें. जलजमाव नहीं होने दें. मच्छर के पनपने का कोई का भी रास्ता नहीं छोड़ें. ऐसा करने से डेंगू के साथ मच्छरों से होने वाली अन्य बीमारियों से भी बचाव होगा.
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, क्षेत्रीय कार्यालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, डॉ. रवि शंकर सिंह, अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डॉ. अशोक कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, डॉ. सुभाष चंद्र प्रसाद एवं अन्य उपस्थित रहे.

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