डीएसपी से मुंशी तक तैनात, अफसर ही नहीं पूरा थाना फर्जी

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong><mark style&equals;"color&colon;&num;cf2e2e" class&equals;"has-inline-color has-vivid-red-color">बांका&lpar;न्यूज़ क्राइम 24&rpar;&colon;<&sol;mark><&sol;strong> बिहार के बांका में एक ऐसे गिरोह ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ की पुलिस के साथ साथ आम लोग पर अचंभित है। अब तक आपने फर्जी पुलिसवाले और फर्जी अफसरों की खबर पढ़ी और सुनी होगी&comma;लेकिन यहाँ तो पूरा थाना ही नकली चल रहा था। वह भी 8 महीने से चल रहा था।DSP से लेकर मुंशी और कॉन्स्टेबल तक सभी काम कर रहे थे। सभी वर्दी में होते और कार्रवाई भी करते&comma; लेकिन एक महिला दरोगा को रिवॉल्वर की जगह कट्टा दिया गया था। पूरा स्टाफ पांच सौ रुपए के दिहाड़ी पर काम कर रहा था।ये फिल्मी कहानी नहीं हकीकत है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>मामला बांका शहर की है। शहर के बीचोंबीच स्थित अनुराग होटल में यह फर्जी थाना चल रहा था। यह बांका थाने से आधे किलोमीटर दूर था। इस फर्जीवाड़ा का खुलासा बुधवार को तब हुआ जब बांका नगर थानाध्यक्ष शंभू यादव गश्ती कर रहे थे। शहर के गांधी चौक से शिवाजी चौक के बीच उनकी नजर वर्दी में एक युवक पर पड़ी। उसने बैच DSP का लगाया हुआ था। उसके हाव भाव से उन्हें शक हो गया। युवक से पूछताछ की तो फर्जी थाने का पूरा खुलासा हो गया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पांच लोग चला रहे थे थाने थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में 5 लोग पकड़े गए हैं। DSP वर्दी पहने आकाश कुमार भागलपुर जिला के सुल्तानगंज थाना के खानपुर गांव का है। वहीं एक अन्य शख्स रमेश कुमार मांझी फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के लौंडिया गांव का है। इन लोगों ने एक महिला दरोगा की भी नियुक्ति की थी&comma; जो फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के दूधघटिया गांव की श्यामलाल टुड्डू की पुत्री अनीता देवी है। <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इसे सर्विस रिवाल्वर के नाम पर कट्टा दिया गया था।इस सम्बंध में फर्जी महिला दरोगा ने पुलिस को बताया कि 55 हजार लेकर उसकी नियुक्ति कराई गई थी। साथ ही उसने यह भी कहा कि उसकी बात नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन से भी होती थी&comma;इसलिए उसे इस ठगी के बारे में पता नहीं चला।वहीं कार्यालय में मुंशी का कार्य सुल्तानगंज खानपुर गांव की ही जूली कुमारी कर रही थी। एक चपरासी की भी नियुक्ति की गई थी&comma; जो फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र के पथाय गांव का वकील मांझी है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>पांच सौ रुपए दिहाड़ी दी जा रही थी&colon;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पुलिस के मुताबिक पकड़े गए फर्जी पुलिस वालों को हर दिन पांच सौ रुपए दिया जा रहा था। प्रारंभिक तौर पर यही बात सामने आई है कि यह लोग सरकारी योजनाओं की जांच के नाम पर वर्दी का धौंस दिखाकर लोगों से वसूली करते थे। इस फर्जीवाड़े में और लोग भी शामिल हैं&comma; उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।थानाध्यक्ष शंभू यादव ने बताया कि फिलहाल पांचों लोगों से पूछताछ की जा रही है। इसमें किसी बड़े षड्यंत्र की बात आ रही है। पूछताछ के बाद विशेष जानकारी मिलेगी।बताया जाता है मुख्य सरगना फरार है।<&sol;p>&NewLine;

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