जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दंत चिकित्सक पदस्थापित, लोग आसानी से करा सकते हैं अपने दांत का इलाज

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पूर्णिया, (न्यूज क्राइम 24)  जिस तरह आपका शरीर पूरी तरह से तंदुरुस्त रहता है ठीक उसी प्रकार आपके दांतों की सुरक्षा भी करनी होती है ताकि अन्न को चबाकर आसानी से चबाया जा सके। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए, तो यह स्थिति संक्रमण, तीव्र दर्द यहां तक कि दांत खराब होने का कारण भी बन सकती है। दांतों की सड़न वह क्षति है, जो आपके मुंह में कीटाणु या बैक्टीरिया एसिड के कारण आपके दांत को खा जाते है।

स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों के दांतों की पर्याप्त इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में दंत चिकित्सकों की पदस्थापित किया गया है। किसी भी स्वास्थ्य केंद्रों में लोग उपलब्ध होकर अपने डेंटल हेल्थ सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा सभी अस्पतालों में दंत चिकित्सकों को ज्यादा से ज्यादा संभावित दांत की समस्या से ग्रसित मरीजों की जांच करते हुए उनका पर्याप्त इलाज करवाने का निर्देश दिया गया है ताकि लोग दांत की समस्या से सुरक्षित रह सकें।

समय पर इलाज से लोग दांत समस्या का निराकरण कर सकते हैं : सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि ऐसी कई अलग-अलग समस्याएं होती हैं जो आपके दांतों को प्रभावित कर सकती हैं। इनमें मुख्य रूप से दांतों की सड़न, दांत की सतह को नुकसान, जिससे दांतों में छेद हो सकता है। फोड़ा और मवाद की एक थैली, जो दांत के संक्रमण के कारण होती है। जो प्रभावित दांत को तब नहीं फूटने देता जब उसे फूटना चाहिए था। हालांकि सिगरेट, सिगार, पाइप, तंबाकू इत्यादि का सेवन करने से कैंसर होने ख़तरा काफी बढ़ सकता है। साथ ही अत्यधिक मात्रा में शराब के सेवन से मुंह के कैंसर को बुलावा दिया जाता है। वही मसूड़ों के कैंसर के फैलने में एचपीवी वायरस का भी काफ़ी हद तक योगदान होता है। इससे सुरक्षित रहने के लिए लोगों को शुरुआत में ही नजदीकी अस्पताल में उपस्थित दांत चिकित्सक से दांत में हो रही समस्या का इलाज करवाना चाहिए। समय पर इलाज कराने से लोग दांत की समस्या का निराकरण कर स्वस्थ हो सकते हैं।

दंत चिकित्सकों द्वारा जिले में 985 लोगों का स्केलिंग किया गया है :

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जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि जिले के जिला अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित दंत रोग विशेषज्ञ के द्वारा विगत जनवरी से दिसंबर 2013 तक जिले के दंत चिकित्सकों द्वारा 985 लोगों का स्केलिंग किया गया है। क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि आपके दांत में प्लाक न रहें, जिससे कैविटी का खतरा कम रहेगा और मुंह का स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। हालांकि दंत रोग विशेषज्ञों की मानें तो दांत को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक छह महीने के अंतराल पर स्केलिंग कराया जाना चाहिए। जबकि 1817 दांत के मरीजों का दांत निकाला गया है वही 364 लोगों का छोटी शल्य चिकित्सा प्रक्रिया अपनाकर इलाज किया गया है। तो दांत में खराबी होने के कारण लगभग 36 हजार 197 दांत के रोगियों को दवा से उपचार कर ठीक किया गया है।

तम्बाकू सेवन से हो सकता है मुँह व गले का कैंसर :

सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि पहले मुंह के कैंसर के मरीजों की औसतन आयु 50- 50 साल होती थी। लेकिन अब यह घटकर 30 से 35 आयुवर्ष हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण छोटी उम्र में तंबाकू का सेवन शुरू करना माना जा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि मुंह और गले के कैंसर के लक्षण भी हो सकता है। होंठों के बीच जिस जगह पर सिगरेट या पाइप आदतन रखी जाती है, कभी- कभी वह हिस्सा भूरा, सपाट और झाई जैसा (धूम्रपान करने वाले का पैच) होना पहचान दर्शाता है।

क्योंकि गले के कैंसर से खासतौर पर कुछ भी निगलते समय गले में दर्द होता है, साथ ही निगलने और बोलने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि स्वस्थ दांतों और मसूड़ों वाले व्यक्तियों को वर्ष में केवल दो बार नियमित रूप से दंत जांच और सफाई की आवश्यकता होती है। हालांकि आपके पेरियोडोंटाइटिस की गंभीरता के आधार पर आपका दंत चिकित्सक द्वारा साल में कम से कम दो बार या उससे अधिक बार स्केलिंग और रूट प्लानिंग जिसे गहरी सफाई के रूप में भी जाना जाता है की सिफारिश कर सकता है। लोगों को इसका उपयोग करना चाहिए जिससे कि उसका दांत स्वास्थ रह सके।

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