अररिया(रंजीत ठाकुर): बच्चों के सेहतमंद जींदगी के लिये संपूर्ण टीकाकरण जरूरी है। टीकाकरण को लेकर मामूली चूक भविष्य में गंभीर रोग का कारण बन सकता है। इसलिये संपूर्ण टीकाकरण स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। इसी कड़ी में आगामी 19 जून से जिले में संचालित पल्स पोलियों अभियान कई मायनों में बेहद खास है। अभियान से पूर्व 06 से 11 जून के बीच नियमित टीकाकरण सत्रों का सर्वे किया जाना है। इस क्रम में खसरा व रूबेला के टीका से वंचित बच्चों का सर्वे करते हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराने को लेकर जरूरी प्रयास किया जाना है। सर्वे की जिम्मेदारी आंगनबाड़ी सेविका व आशा कार्यकर्ताओं को सौंपी गयी है। डब्ल्यूएचओ के माध्यम से उन्हें जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसी तरह का प्रशिक्षण शनिवार को पटेंगना एपीएचसी व कुर्साकांटा पीएचसी में आयोजित किया गया।
देश में वर्ष 2023 तक खसरा व रूबेला को खत्म करने का है लक्ष्य :
कर्मियों को प्रशिक्षण देते हुए डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ शुभान अली ने बताया कि देश में फिलहाल पोलियो के कोई मामले नहीं है। लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान में हाल में मिले पोलियो के मामलों के कारण अपने देश में पोलियो का संक्रमण दोबारा फैलने का खतरा मौजूद है। इसलिये इसे लेकर विशेष सतर्कता जरूरी है। उन्होंने बताया कि सर्वे में टीका के ड्यू लाभार्थियों को चिह्नित करने के साथ-साथ खासकर निर्धारित समय पर खसरा व रूबेला का टीका नहीं लिया है। ऐसे बच्चों का चिह्नित किया जाना है। सरकार ने वर्ष 2023 तक देश से खसरा व रूबेला को पूरी तरह खत्म करने का निर्णय लिया है। लिहाजा सर्वे के आधार पर छूटे बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाना है।
टीकाकरण से शरीर में रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता का होता है विकास :
कुर्साकांटा पीएचसी प्रभारी डॉ जमील ने बताया कि आगामी 19 जून से जिले में संचालित पल्स पोलियो अभियान कई मायनों में खास है। इस क्रम में कोरोना टीका के निर्धारित डोज से वंचित लाभुकों को भी सर्वे करते हुए उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जाना है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण मानव शरीर को विभिन्न रोगों से सख्ती पूर्वक मुकाबला के काबिल बनाता है। इससे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसलिये आम लोगों को टीकाकरण के महत्व के प्रति जागरूक व समझदार होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में पोलियो के मामलों को खत्म करने में टीकाकरण की महत्ता साबित हो चुकी है। खसरा-रूबेला, चेचक, टेटनेस सहित कई अन्य रोग हैं। जिनका टीका आज लोगों को आसानी से उपलब्ध है। एक तय समय सीमा के अंदर टीका का निर्धारित डोज लगाना लोगों के लिये जरूरी है। ताकि इन रोगों से हमेसा के लिये मुक्ति पायी जा सके।