बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना द्वारा पोषण एवं आजीविका सुरक्षा हेतु चूजा वितरण कार्यक्रम आयोजित

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>फुलवारीशरीफ&comma; अजित।<&sol;strong> बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय&comma; पटना के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा फार्मर्स फर्स्ट परियोजना के अंतर्गत क्षमता-विकास सह चूजा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद&comma; नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस परियोजना का उद्देश्य बैकयार्ड पोल्ट्री को बढ़ावा देकर ग्रामीण परिवारों में पोषण तथा आजीविका सुरक्षा को मजबूती प्रदान करना है&period;यह कार्यक्रम निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ&period; एन&period; एस&period; दहिया के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के तहत हाजीपुर प्रखंड के सेन्दुआरी गांव के कुल 42 लाभार्थी कृषक परिवारों को चूजे वितरित किए गए&comma; ताकि वे घरेलू स्तर पर पोल्ट्री पालन अपनाकर अपनी आमदनी एवं पोषण स्तर में सुधार ला सकें।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कार्यक्रम का सफल संचालन परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ&period; वाई&period; एस&period; जादौन एवं सह-समन्वयक डॉ&period; कौशलेंद्र कुमार&comma; सहायक प्राध्यापक&comma; बिहार वेटरनरी कॉलेज&comma; पटना द्वारा किया गया। तकनीकी कर्मियों एवं छात्रों ने भी सक्रिय सहयोग दिया<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>लाभार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ&period; जादौन ने परियोजना के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए किसानों को बैकयार्ड पोल्ट्री अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया&period; उन्होंने कहा कि यह मॉडल ग्रामीण परिवारों की आय और पोषण सुधार का प्रभावी साधन है&period;वहीं डॉ&period; कौशलेंद्र कुमार ने वैज्ञानिक विधियों&comma; भोजन प्रबंधन&comma; रोग नियंत्रण और चूजों की देखभाल पर विस्तृत तकनीकी जानकारी प्रदान की उन्होंने किसानों से संस्थान द्वारा उपलब्ध सहयोग का अधिकतम लाभ उठाने और उद्यमिता विकास की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कार्यक्रम में इंटरैक्टिव सत्र और प्रायोगिक प्रदर्शन भी आयोजित किए गए&comma; जिससे किसानों में जागरूकता बढ़ी और उन्होंने पोल्ट्री पालन को एक विश्वसनीय आय स्रोत के रूप में अपनाने में रुचि दिखाई।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>माननीय कुलपति डॉ&period; इंद्रजीत सिंह ने प्रसार शिक्षा निदेशालय एवं फार्मर्स फर्स्ट परियोजना टीम के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण परिवारों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगी और पोषण व आजीविका सुरक्षा के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।<&sol;p>&NewLine;

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