पटना(न्यूज़ क्राइम 24): सूबे में लागू पूर्ण शराबबंदी को लेकर जारी सियासी बयानबाजियों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में जहरीली शराब से अबतक 14 लोगो की मौत हो चुकी हैं। इसको लेकर बिहार पुलिस व सरकार विपक्ष समेत सरकार के सहयोगी दलों के निशाने पर है। इस बीच न्यायालय में मद्य निषेध से जुड़े लंबित आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार शराबबंदी कानून में संशोधन कर सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए संशोधन में शराब पीने के अपराध में पकड़े गए अभियुक्तों को थोड़ी राहत दी जा सकती है. शराब पीने के जुर्म में जेल भेजने के बजाय मजिस्ट्रेट के समक्ष तय जुर्माना भरकर छोड़े जाने का प्रविधान किया जा सकता है. जुर्माना न भरने की स्थिति में ही जेल भेजा जाएगा।
हालांकि शराब बनाने और बेचने वालों पर पहले की तरह ही सख्त कार्रवाई होगी. इस संशोधन प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री और अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. चर्चा है कि बजट सत्र में शराबबंदी कानून में संशोधन का प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है।