फुलवारी शरीफ, (न्यूज़ क्राइम 24) केंद्रीय बजट पर भारतीय लोक हित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रख्यात शिक्षाविद श्री प्रेम जी ने कहा की बजट पर हर वर्ष की तरह सरकार एवं गैर सरकार के बीच प्रशंसा एवं निंदा के अतिरिक्त देश ने कुछ भी नया नही देखा-सुना. आश्चर्य है कि आज तक देश के किसी भी विपक्ष को सरकार के बजट में कुछ भी प्रशंसा के योग्य नही लगा. यह प्रजातंत्र का दुर्भाग्य है कि भारत का विपक्ष निंदा की जगह आलोचना, विश्लेषण, सलाह का पथ कभी नही अपनाया. यह स्वस्थ एवं शिक्षित प्रजातंत्र के दिशा में जनता को गुमराह करने वाली स्थिति में अब तक ले गया है. नेताओं का स्वयं का ज्ञान बजट जैसे विषय पर कितना है यह जनता कभी कभी स्वयं सवाल कर जान ले कि नेता की जानकारी कितनी है?
रही वर्तमान का बजट, विकसित देश, विकसित भारत बने इसके पहले शिक्षित देश बनाना होगा. यह अच्छा है कि विद्यार्थियों को कम ब्याज दर पर पढ़ाई के लिए कर्ज मिले लेकिन भारत में अभी भी पंचायत, वार्ड स्तर पर विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थानों का जाल बिछाने की जरूरत है इसके लिए सरकारी संस्थान नकाफी है. देश को चाहिए कि वह विद्यार्थियों को कर्ज अवश्य दे; किन्तु निजी क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थान खोलने वालों को जमीन एवं न्यूनतम ब्याज दर पर कर्ज एवं अनुदान भी उपलब्ध कराए. ऐसा करने से 5-10 वर्षो में हम रोजगारोन्मुख शिक्षा एवं शिक्षित भारत के लक्ष्य को प्राप्त कर विश्व में एक नयी पहचान बना पाएंगे.