विश्व मलेरिया दिवस पर पूरे जिले में हुआ जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong><mark style&equals;"color&colon;&num;cf2e2e" class&equals;"has-inline-color has-vivid-red-color">अररिया&lpar;रंजीत ठाकुर&rpar;&colon;<&sol;mark><&sol;strong> विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर मंगलवार को पूरे जिले में जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया गया। विश्व मलेरिया दिवस को लेकर इस बार टाइम टू डिलीवर ज़ीरो मलेरिया &colon; इन्वेस्ट&comma; इनोवेट&comma; इम्प्लीमेंट थीम निर्धारित किया गया था। मौके पर विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से जागरूकता रैली निकाली गयी। स्वास्थ्य कर्मियों की विशेष बैठक आयोजित करते हुए उन्हें मलेरिया के कारण&comma; इसके निदान संबंधी उपायों की जानकारी देते हुए समुदाय के लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया गया। जागरूकता को लेकर सदर अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में सिविल सर्जन&comma; डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह सहित अन्य वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें जिले में मलेरिया को जड़ से खत्म करने को लेकर विस्तृत रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गयी।<br><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>नि&colon;शुल्क है जांच व इलाज की सुविधा <&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>रोग के संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि जिले में हाल के वर्षों में मलेरिया के मामलों में काफी कमी आयी है। जिले में मलेरिया के जटिल मामले जिसे मष्तिष्क ज्वर से संबंधित कोई मामला हाल के वर्षों में सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता से मलेरिया को जड़ से खत्म किया जा सकता है। सरकारी चिकित्सा संस्थानों में मलेरिया की जांच व इलाज की सुविधा नि&colon;शुल्क उपलब्ध है। इससे जुड़ी किसी तरह की शिकायत होने पर लोगों को सरकारी चिकित्सका संस्थान में अपने इलाज को प्राथमिकता देनी चाहिये। इससे इलाज में आने वाले खर्च से बचा सकता है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इलाज के लिये सरकारी चिकित्सा संस्थानों को दें तरजीह<br>जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि रोग से जुड़े किसी तरह के लक्षण दिखने पर लोग निजी चिकित्सा संस्थानों में इलाज को तरजीह देते हैं। मलेरिया के साधारण मामले सामान्य उपचार के बाद ही ठीक हो जाता है। बावजूद इसके लेकिन निजी चिकित्सा संसथानों को इलाज के लिये तरजीह देने से लोगों को अपना कीमती वक्त व धन की हानि उठानी पड़ती है। लोगों को इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में जहां जिले में मलेरिया के 16 नोटिफाइड मरीज मिले थे। वहीं वर्ष 2019 में 18&comma; 2020 में 01&comma; 2021 में 11 व 2022 में मलेरिया का एक नोटिफाइड मरीज नहीं मिला।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>मलेरिया से पूरी तरह निजात पाना संभव<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><br>सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि आमतौर पर मलेरिया के लक्षण रोगी के शरीर पर छह से आठ दिनों के अंदर अपना असर दिखाना शुरू कर देता है। ठंड लगकर बुखार आना&comma; बुखार ठीक होने पर पसीना आना&comma; थकान&comma; सिरदर्द&comma; मांसपेशियों में दर्द&comma; पेट की परेशानी&comma; उल्टी आना&comma; बेहोशी&comma; त्वचा पीला पड़ना जैसे लक्षणों के आधार पर आसानी से रोग की पहचान की जा सकती है। मच्छरदानी का उपयोग रोग से बचाव का सबसे अच्छा उपाय है। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव नहीं होने देने&comma; ठहरे हुए पानी में मच्छरों के लार्वा को खत्म करने के लिये दवा का छिड़काव सहित अन्य उपायों की मदद से मलेरिया के खतरों से पूर्णत&colon; निजात पायी जा सकती है।<&sol;p>&NewLine;

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