एम्स पटना में विश्व एनेस्थीसिया दिवस पर आयोजित हुआ सीपीआर प्रशिक्षण, 50 एसएसबी जवानों ने लिया जीवनरक्षक तकनीक का प्रशिक्षण

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>फुलवारीशरीफ&comma; अजित।<&sol;strong> एम्स पटना में विश्व एनेस्थीसिया दिवस 2025 उत्साहपूर्वक मनाया गया&period; इस अवसर पर एनेस्थीसिया विभाग की ओर से सशस्त्र सीमा बल &lpar;एसएसबी&rpar; के 50 जवानों को कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन &lpar;सीपीआर&rpar; का विशेष प्रशिक्षण दिया गया&period; कार्यक्रम का उद्देश्य आपात स्थिति में जीवन बचाने के लिए समय पर सीपीआर देने की महत्ता के प्रति जागरूकता फैलाना था।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों ने बुनियादी जीवनरक्षक तकनीकों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया और हृदयगति रुकने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया&period; जवानों को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और सही तकनीक के महत्व की जानकारी दी गई। शाम के सत्र में विभाग की ओर से एक अंतरविभागीय समारोह का आयोजन किया गया&comma; जिसमें शोध&comma; शैक्षणिक उपलब्धियों और क्लिनिकल उत्कृष्टता के क्षेत्र में विभाग के योगदान को रेखांकित किया गया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ&period; भदानी ने एनेस्थीसिया विभाग की उपलब्धियों और संस्थान में सुरक्षित एनेस्थीसिया प्रथाओं के प्रसार में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला&period; वहीं&comma; एम्स निदेशक डॉ&period; राजू अग्रवाल ने संस्थान के विकास में एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की अहम भूमिका की सराहना की और मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए सतत प्रशिक्षण और अनुसंधान पर बल दिया।<&sol;p>&NewLine;

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