एम्स पटना ने सड़क सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए नुक्कड़ नाटक और पेंटिंग प्रतियोगिता के साथ मनाया विश्व ट्रॉमा दिवस

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>फुलवारीशरीफ&comma; अजित।<&sol;strong> विश्व ट्रॉमा दिवस के अवसर पर एम्स पटना के ट्रॉमा सर्जरी एवं क्रिटिकल केयर विभाग की ओर से गुरुवार को ट्रॉमा ब्लॉक के सामने एक जीवंत और जागरूकता से भरपूर कार्यक्रम का आयोजन किया गया&period; इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम जनता में सड़क सुरक्षा और ट्रॉमा की रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाना था&period;वहीं कार्यक्रम के दूसरे चरण में ट्रॉमा ब्लॉक के भीतर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया&comma; जिसमें फैकल्टी सदस्यों&comma; चिकित्सकों&comma; नर्सिंग अधिकारियों और कर्मचारियों ने सड़क सुरक्षा&comma; आत्म-सुरक्षा और जनजागरूकता से जुड़े विषयों पर अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित की।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कार्यक्रम के दौरान बी&period;एससी&period; नर्सिंग के छात्रों ने विभाग के प्रोफेसर डॉ&period; अनिल कुमार के निर्देशन में एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया&period; इस नाटक के माध्यम से जिम्मेदार ड्राइविंग&comma; ट्रैफिक नियमों के पालन और दुर्घटना के बाद त्वरित चिकित्सीय सहायता के महत्व का संदेश लोगों तक पहुँचाया गया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कार्यक्रम स्थल पर सौ से अधिक लोगों की भीड़ जुटी&comma; जिन्होंने सड़क सुरक्षा के मूल सिद्धांतों और ट्रॉमा की रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त की&period; मौके पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रेखा कुमारी&comma; सहायक प्रोफेसर डॉ&period; संजय कुमार&comma; नर्सिंग ट्यूटर सुश्री पूजा ठाकुर&comma; वरिष्ठ रेजिडेंट्स डॉ&period; अभिषेक और डॉ&period; शशि कांत मौजूद रहे&period; सभी ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और सड़क सुरक्षा को जीवन रक्षा का प्रथम कदम बताया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इस अवसर पर बोलते हुए डॉ&period; अनिल कुमार ने कहा कि नुक्कड़ नाटक सामाजिक और स्वास्थ्य संबंधी संदेशों को जन-जन तक पहुँचाने का अत्यंत प्रभावी माध्यम है&period; उन्होंने कहा कि &OpenCurlyDoubleQuote;ट्रॉमा एक गंभीर जनस्वास्थ्य समस्या है&comma; और जागरूकता ही जीवन बचाने की पहली सीढ़ी है&period; यदि समाज को सड़क सुरक्षा और प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी दी जाए&comma; तो ट्रॉमा से होने वाली मौतों और विकलांगता को काफी हद तक रोका जा सकता है।<&sol;p>&NewLine;

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