जीवन में सुख शांति पाना चाहते हैं लेकिन संसार के भौतिक वस्तु को पाकर कभी भी सुख शांति की प्राप्ति नहीं हो सकती है : प्रमोद बाबा

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>अररिया&comma; रंजीत ठाकुर<&sol;strong>। जीवन में सुख शांति पाना चाहते हैं लेकिन संसार के भौतिक वस्तु को पाकर कभी भी सुख शांति की प्राप्ति नही हो सकती है &comma;जो मानव प्राणी में सत्संग में आकर संत सतगुरु का उपदेश व आदेश का पालन करते हैं &comma;उनके हीं जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>असुर स्वभाव वाले मनुष्य प्रवृति और निवृति इन दोनों को हीं नहीं जान पाते हैं इसलिए उनमें न तो बाहर न हीं भीतर की शुद्धि होती है। उनका न श्रेष्ठ आचरण हो पाता है न हीं सत्य विचार। उक्त बातें नरपतगंज प्रखंड के फरही पंचायत के वार्ड संख्या दो कुंडिलपुर के मैदान में आयोजित दो दिवसीय संतमत सत्संग के प्रथम दिन सोमवार को भागलपुर स्थित महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पाघाट से आये स्वामी प्रमोद बाबा ने कही। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जगत आश्रयरहित&comma; सर्वथा असत्य और बिना ईश्वर बगैर गुरू को स्वयं को प्रधानता देते हैं। जबकि इस धरातल पर बिना गुरू का मनुष्य में मनुष्यता हो हीं नहीं सकती। संत कबीर&comma; महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज&comma; गोस्वामी तुलसीदास ने भी गुरू की महत्ता बतलाए हैं। सत्संग में प्रमोद बाबा के अलावे स्वामी रमेश जी महाराज&comma; स्वामी जयकुमार बाबा ने भी अमृत प्रवचन एवं भजनावली से श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>स्वामी जयकुमार बाबा ने कहा कि सत्य परमात्मा को कहते हैं उनके संग करने को सत्संग कहते हैं। संसार कि सारी वस्तुएं परिवर्तनशील है &comma;नाशवान हैं &comma;केवल परमात्मा हीं अपरिवर्तनशील और अविनाशी हैं। उस अभीनाशी परमात्मा को प्राप्त करके अभीनासी सुख की प्राप्ति होती है। तमाम फरही पंचायत के कुंडिलपुर गांववासियों के सहयोग से यहां भव्य पंडाल&comma; रोशनी&comma; भंडारा का आयोजन किया गया है। इस सत्संग में नरपतगंज&comma; भरगामा आदि क्षेत्रों से सत्संग धर्मावलंबियों की हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी है। आयोजन में समस्त कुंडलपुर के ग्रामीणों ने सत्संग को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। सत्संग में सत्संग प्रेमियों के लिए भंडारा का भी व्यवस्था किया गया है पूरे सत्संग स्थल के आसपास के क्षेत्रों में बिजली लाइट की व्यवस्था भी किया गया है बाहर से आने वाले सत्संग प्रेमियों के लिए रहने का भी व्यवस्था है सभी जगह शुद्ध पेयजल एवं खाना खाना भी उत्तम प्रबंध किया गया है।<&sol;p>&NewLine;

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