[Written By: Robin Raj]
सीकर(न्यूज़ क्राइम 24): 350 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका है, जब राजस्थान के प्रख्यात खाटू श्री श्याम जी का फाल्गुनी लक्खी मेला इस बार नहीं होगा. जिसको लेकर श्राद्धलुओं ने जहां एक तरफ दुख प्रकट किया है तो वहीँ दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले से काफी आक्रोश है. शुक्रवार को जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है की कोरोना संक्रमण के चलते इस बार फाल्गुनी लक्खी मेला नहीं भरेगा. इसके साथ ही 14 से 24 मार्च तक श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन ऐप के माध्यम से दर्शन करवाने भी बंद रहेंगे.
आपको सभी को ज्ञात हो की 350 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका है, जब फाल्गुन की एकादशी को श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन नहीं कर पाएंगे.10 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए देश-विदेश के विभिन्न कोनों से खाटू श्याम आते हैं लेकिन इस बार कोरोना के चलते फाल्गुनी लक्खी मेला पर रोक लगा दी गई है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए खाटू श्याम पहुंचते हैं. इसके साथ ही सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के लिए भंडारे लगते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण लोगों की आस्था पर भारी पड़ गया है। श्रद्धालुओं की भीड़ की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने इस बार मेले का आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया है.
बैठक में शामिल हुए-
मंदिर कमेटी के साथ हुई बैठक में श्याम मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों, प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने भाग लिया. सीकर जिला कलेक्टर चतुर्वेदी का कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार खाटू श्याम जी का लक्की मेला नहीं भरवाने का निर्णय लिया है. तो वहीं इसी बीच ऐप के माध्यम से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने की संख्या धीरे-धीरे बढ़ाई जा रही है.
फैसले से श्रद्धालुओं का मन दुखी-
इस फैसले के बाद श्याम बाबा के भक्तगण में उदासी छा गई है, सोशल मिडिया पर अपनी बातों को साझा कर रहे है जिसमे उनका कहना है की 350 वर्ष के इतिहास में यह पहला मौका है, जब श्री खाटू श्याम जी का फाल्गुनी लक्खी मेला नहीं हो रहा है. हालांकि सरकार सभी कार्यों में कोरोना का डर नहीं देख रही है लेकिन आखिर खाटु श्याम जी के लक्खी मेले पर ही क्यों रोक लगाई गई है. ऐसे कई सवाल-जवाव किये जा रहे है. यह फैसला बहुत ही दुखद है. श्याम भक्त राज्य प्रशासन, जिला प्रशासन एवं श्याम मंदिर कमिटी से मांग कर रहे है की लिए गए फैसले पर फिर से विचार-विमर्श कर के फैसला लें।