पटना(न्यूज़ क्राइम 24): आज पटना विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र विभाग के दूसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत कचरा से खाद बनाने की प्रक्रिया की गई। इस कार्यक्रम में स्नातकोत्तर रसायन शास्त्र की विभागध्यक्ष प्रो बिना रानी ने बच्चों से कही की चार दशकों से फसल उत्पादन में जो वृद्धि आई है इसका मुख्य कारण उन्नत तकनीकों को अपनाया जाना और अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाषको का प्रयोग है।वही ऑर्गेनिक रसायन के शिक्षक प्रो मिथलेश कुमार सिंह ने कहा कि हमलोग अपनी जरूरतों को कृत्रिम पदार्थों का भारी मात्रा में प्रयोग कर रहे हैं और मिट्टी की स्थिति को अन्देखी की जा रही है।इसके कई दुष्पपरिणाम हमारे समझ धीरे धीरे प्रकट हो रही हैं।
इस मौके पर छात्र के तरफ से चंदन कुमार चंचल ने कहा कि मिट्टी में जीवांश या कार्बोनिक पदार्थों की कमी के कारण गर्मियों में भूमि के ऊपरी भाग का तापमान 60डिग्री से ऊपर हो जाता है।मिट्टी की नमी ज्यादा देर तक नहीं रहती हैं जिसके कारण खेतो में दरार पड़ने लगती हैं।वही इस कार्यक्रम में छात्र वर्ग से अटल, वैभव प्रभात, अतहर, नीतिन,बृजनंदन, रमेश, कुणाल, सौरभ, अमित,चंदन, रंजीत,सूरज वही छात्रा अफरीन, रिचा, तस्लीमा, सृश्टि, श्रुति, रचना, मनोरमा, मधुलिका, श्वेता,सगुफ्ता, महिमा, रिया, सपना, साहिना, आयेशा, अंजलि, अर्चना, स्नेहा, श्रेष्ठा, निष्ठा,प्रीतम,सहित रिचा श्री उपस्थित शामिल हुई।