अररिया में शॉर्ट फिल्म “कश्मीर फायरिंग पहलगांव” की शूटिंग अंतिम चरण में, ग्रामीण कलाकारों का जज्बा बना मिसाल

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>अररिया&comma; रंजीत ठाकुर &colon;<&sol;strong> सीमावर्ती जिले अररिया के अलग-अलग लोकेशनों पर इन दिनों एक शॉर्ट मूवी &&num;8220&semi;कश्मीर फायरिंग पहलगांव&&num;8221&semi; की शूटिंग हो रही है&comma; जो अब अपने अंतिम चरण में है। इस फिल्म की शूटिंग फिलहाल अररिया के घने जंगलों में चल रही है। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है कि इसमें शामिल लगभग 50 कलाकारों में अधिकतर स्थानीय और ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>फिल्म के डायरेक्टर तेजपाल राणा ने बताया कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है और वे चाहते हैं कि अररिया के खूबसूरत लोकेशनों को देशभर में पहचान मिले। उन्होंने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद पूरी टीम दिन-रात मेहनत कर रही है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>शूटिंग के दौरान कभी बेमौसम बारिश&comma; कभी तेज़ धूप&comma; तो कभी कलाकारों की अनुपलब्धता या बीमारी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है&comma; लेकिन इसके बावजूद इन युवाओं का उत्साह कम नहीं हुआ। ग्रामीण इलाकों से आए इन कलाकारों की मेहनत&comma; लगन और जुनून हर बाधा को पार करता दिख रहा है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इस फिल्म में तेजपाल राणा के अलावा पप्पू बहादुर&comma; प्रियरंजन मंडल और जुली झा सहित कुल 50 कलाकार भाग ले रहे हैं। सभी कलाकारों का उद्देश्य है&comma; कम संसाधनों में बड़ा संदेश देना।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>डायरेक्टर का मानना है कि अगर स्थानीय स्तर पर प्रतिभाओं को प्लेटफॉर्म मिले तो बिहार और विशेषकर अररिया जैसे जिले से भी बड़ी प्रतिभाएं उभर कर सामने आ सकती हैं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;

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