पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पूर्णिया कोर्ट द्वारा मरीजों को मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी लेते हुए अस्पताल को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणपत्र के अनुकूल पाए जाने की जानकारी लेने के लिए केंद्र स्तरीय दो सदस्यीय टीम द्वारा अस्पताल का दो दिनों तक निरक्षण किया गया। इस दौरान अस्पताल में एनक्यूएएस मानक के अनुसार अस्पताल में विधि व्यवस्था उपलब्ध होने की जानकारी लेने के साथ-साथ वहां से अलग अलग बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं और अस्पताल कर्मियों द्वारा उनका उपचार करने के व्यवस्था की जानकारी ली गई। इसके लिए केंद्र स्तरीय टीम में गैर सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में त्रिवेंद्रम, केरला से एएनएम स्कूल प्रधानाध्यापक श्रीदेवी सी एस और सरकारी स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से सीएमओ डॉ शुभेन्द्र विक्रम सिंह उपलब्ध रहे।
उनके द्वारा अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकों, एएनएम के साथ साथ स्थानीय आशा कर्मियों से विभिन्न बीमारियों से ग्रसित मरीजों को विभिन्न प्रकार से स्वास्थ्य सहायता प्रदान करवाने की जानकारी ली गई। इस दौरान शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रतिभा कुमारी के साथ साथ पूर्णिया पूर्व प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ शरद कुमार, आरपीएम कैशर इकबाल, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार, पूर्णिया पूर्व प्रखंड के बीएचएम विभव कुमार, डीओएचसी दिलनवाज के साथ अस्पताल के अस्पताल की सभी एएनएम, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, एकाउन्टेंट और डाटा ऑपरेटर उपलब्ध रहे।
अस्पताल में उपलब्ध 12 विभागों द्वारा मरीजों को मिल रही सुविधाओं की ली गई जानकारी :
अस्पताल का निरक्षण करते हुए केंद्रीय टीम द्वारा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए निर्धारित मानक के अनुसार अस्पताल के 12 विभागों द्वारा मरीजों को मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी ली गई। इसमें इमरजेंसी अवस्था और ड्रेसिंग रूम, परिवार नियोजन सुविधा, सामान्य मरीजों के लिए संचालित क्लीनिक, अस्पताल प्रशासन सुविधा, टीकाकरण स्थल, लैब सुविधा, गर्भवती महिलाओं की जांच और इलाज के लिए उपलब्ध सुविधा, नवजात शिशु और सामान्य बच्चों के इलाज के लिए सुविधा, गैर संचारी रोग, संचारी रोग मरीजों के लिए जांच और इलाज सुविधा, मरीजों के रुकने और बैठने की व्यवस्था और विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल में उपलब्ध दवाइयों की जानकारी केंद्रीय टीम द्वारा लिया गया।
सभी विभागों द्वारा उपस्थित मरीजों को अस्पताल कर्मी द्वारा किस तरह से उपचार किया जाता है केंद्रीय टीम द्वारा इसकी जानकारी अस्पताल कर्मियों से जानकारी ली गई। केंद्रीय टीम को अस्पताल में मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध सभी व्यवस्था संतोषजनक मिला। सभी रिपोर्ट केंद्रीय विभाग को सौंपने के बाद केंद्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा मूल्यांकन करते हुए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को व्यवस्था के अनुसार अंक दिया जाएगा। अंक के आधार पर अस्पताल को केंद्र स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
सभी विभागों में 70 प्रतिशत अंक मिलने पर अस्पताल को मिलेगा केंद्र स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र :
प्रमंडलीय कार्यक्रम प्रबंधक कैशर इकबाल ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो स्तर से अस्पताल का निराक्षण करते हुए उपलब्ध मानक के अनुसार अंक प्रदान किया जाता है। पहले राज्य स्तरीय टीम द्वारा मूल्यांकन करते हुए अस्पताल को प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उसके बाद केंद्रीय टीम द्वारा इसका मूल्यांकन करते हुए अस्पताल को अंक प्रदान किया जाता है। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पूर्णिया कोर्ट को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल चुका है।
उसके अनुसार केंद्रीय टीम द्वारा इसका निरक्षण किया गया है। निरक्षण के बाद टीम द्वारा केंद्र स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट भेजा जाएगा। केंद्रीय विभाग द्वारा मूल्यांकन के बाद अस्पताल में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं को अलग अलग अंक प्रदान किया जाएगा। उसके अनुसार अस्पताल का कुल अंक 70 प्रतिशत से अधिक होने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। उसके बाद केंद्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को मरीजों के विधि व्यवस्था निरंतर जारी रखने के लिए सहयोग राशि प्रदान किया जाएगा जिससे कि अस्पताल में उपस्थित मरीजों को आसानी से लाभ उपलब्ध हो सके।
प्रमाणपत्र मिलने पर अस्पताल को मिलेगा 03 लाख रुपया प्रति साल :
यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद ने बताया कि केंद्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी करने के बाद अस्पताल द्वारा स्थानीय मरीजों को मेडिकल सहायता प्रदान करने के लिए सहयोग राशि प्रदान किया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को हर साल 03 लाख रुपया दिया जाएगा। यह व्यवस्था अस्पताल को अगले 03 साल तक जारी रहेगा। उसके बाद अस्पताल को पुनः एनक्यूएएस प्रमाणपत्र लेने के लिए राज्य और आवेदन करना होगा जिसके बाद फिर से राज्य और केंद्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरक्षण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य केंद्र स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र अभीतक केवल गया जिले के 02 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मिला है। निरक्षण के बाद 70 प्रतिशत अंक मिलने पर पूर्णिया जिला दूसरा जिला और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पूर्णिया कोर्ट तीसरा अस्पताल बनेगा। इसके लिए अस्पताल में सभी व्यवस्था उपलब्ध है और उम्मीद है केंद्रीय टीम द्वारा इसे आवश्यक अंक प्राप्त हो जाएगा।