अररिया, रंजीत ठाकुर भरगामा प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों प्रधामनंत्री आवास योजना की सूची में नाम चयन को लेकर पीएम आवास सहायक के द्वारा किये जाने वाले जिओ टैगिंग की भनक लगते हीं अवैध वसूली का धंधा परवान चढ़ने लगा है। वैसे ग्रामीण जो आवास पाने के योग्य हैं उनसे 1000 रुपये और जो अयोग्य हैं उनसे दो से पांच हजार रुपये तक सूची में नाम दर्ज कराने के नाम पर लिया जा रहा है। ग्रामीणों की माने तो इस अवैध वसूली में जनप्रतिनिधियों सहित विभागीय अधिकारियों की भी संरक्षण प्राप्त है,जिनके लोग गांव में घूम-घूम कर अपने स्तर पर लोगों की सूची तैयार करने में लगे हुए हैं।
वैसे तो इस बार प्रशासन द्वारा जो रणनीति बनायी गयी है उससे तो यही स्पष्ट होता है कि इस बार आवास योजना में दलालों व बिचौलियों की दाल नहीं गलने वाली है। लेकिन दबे पांव बिचौलिए इस योजना में सेंधमारी कर घुस रहे हैं। भले हीं इस योजना का लाभ अपात्र लाभुकों को नहीं मिले,लेकिन वह भी आवास योजना की सूची में अपना नाम अंकित कराने के लिए रुपये देने से तनिक भी परहेज नहीं कर रहे हैं। वहीं,दूसरी तरफ जो इस लाभ के वास्तविक हकदार हैं वह भी इस शंका में हैं कि कहीं उनका नाम सूची से काट न दिया जाये। मालूम हो कि प्रशासन की ओर से निर्गत आदेश के अनुसार आगामी 31 मार्च तक आवास सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया चलेगी।
आवास पर्यवेक्षक चंदन कुमार ने बताया कि आवास योजना की सूची में नाम जुड़वाने वाले योग्य लाभुकों के पास राशन कार्ड,आधार कार्ड,जॉब कार्ड,बैंक अकॉउंट रहना अनिवार्य है. जानकार बताते हैं कि प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश गरीबों के पास जॉब कार्ड और राशन कार्ड उपलब्ध नहीं है,लेकिन फिर वे पीएम आवास योजना की सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रयासरत हैं। ऐसी स्थिति में विभिन्न पंचायतों के बिचौलिए एक्टिव हो गए हैं,और उनकी चांदी कट रही है। नाम नहीं छापने के शर्त पर लोगों ने बताया कि पीएम आवास सहायक द्वारा पीएम आवास योजना की सूची में नाम जोड़ने की जिओ टैगिंग के लिए लाभुकों से धड़ल्ले से एक से दो हजार रूपया लिया जा रहा है।
बताया गया कि जिस लाभुकों के पास राशन कार्ड और जॉब कार्ड नहीं है उन लाभुकों से संबंधित वार्ड सदस्यों के द्वारा 2 हजार से लेकर 5 हजार तक मांगा जा रहा है,कहा जा रहा है कि इसमें पीआरएस और आरटीपीएस कर्मी से लेकर ऑफिस कर्मी तक को देना पड़ता है। जबकि प्रभारी पीओ विनय कुमार का कहना है कि जॉब कार्ड बनाने वाले लाभुकों के पास पति पत्नी का आधार कार्ड और एनपीसी लिंक बैंक अकॉउंट रहना अनिवार्य है। इन दस्तावेज को संबंधित पीआरएसस के पास या फिर मनरेगा कार्यालय में जमा कर निशुल्क जॉब कार्ड बनवाया जा सकता है।
वहीं एमओ रामकल्याण मंडल का कहना है कि नया राशन कार्ड बनाने वाले लाभुक प्रपत्र क आवेदन के साथ तीन पीस पारिवारिक फोटो एवं परिवार के मुखिया का एनपीसी लिंक बैंक अकॉउंट दस्तावेज के साथ पंचायत भवन के आरटीपीएस काउंटर पर या प्रखंड मुख्यालय के आरटीपीएस काउंटर पर निशुल्क आवेदन कर नया राशन कार्ड प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन वहीं लोगों का कहना है कि पदाधिकारी सिर्फ बयानबाजी करते हैं,बिना रूपया दिए हुए किसी भी कार्यालय में कोई कार्य नहीं होता है। बताया गया कि अगर रुपया नहीं देते हैं तो कर्मियों के द्वारा विभिन्न तरीके का बहाना बनाकर दौड़ाया जाता है,और अगर रूपया देते हैं तो चंद मिनटों में चुपके से सबसे पहले काम हो जाता है। फिलहाल पीएम आवास योजना की सूची में नाम जुड़वाने से वंचित होने के डर से जॉब कार्ड और राशन कार्ड बनवाने के लिए लाभुकों में होड़ मची हुई है। इसको लेकर लाभुकों में भाग दौड़ की स्थिति बनी हुई है। इस संबंध में बीडीओ शशि भूषण का कहना है प्रखंड कार्यालय में किसी भी ग्रामीणों के द्वारा ऐसा शिकायत नहीं किया है। शिकायत मिलने के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।