दहेज के झूठे केस में फस गए है तो कैसे बचें : एडवोकेट राहुल रंजन

Advertisements

&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>अकसर पति-पत्नि के घरेलू विवाद के मामले काफी ज्यादा बढ़ जाते है जो घर की चारदीवारी से बाहर आकर पुलिस थाने&comma;कोर्ट कचहरी तक पहुँच जाते है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जिसमें लोग एक दूसरे पर तरह-तरह के आरोप प्रत्यारोप लगाते है इसी में कभी-कभी पत्नी द्वारा दहेज उत्पीड़न का केस भी दर्ज कराया जाता है जिसका फैसला कोर्ट द्वारा किया जाता है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पत्नी यदि झूठे दहेज के केस और घरेलू हिंसा के मामले में फंसाए तो क्या करना चाहिए दहेज के झूठे केस से<br>हिंसा चाहे घरेलू हो&comma; भावनात्मक हो या शारीरिक हो मनुष्य के जीवन को तहस-नहस कर देती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>हिंसा एक बुनियादी मानव अधिकार का उल्लंघन है दुनिया के सभी देश इसे व्यक्ति के समस्त विकास के लिए बाधक मानते हैं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>भारतीय दंड संहिता के धारा 498A एक ऐसा प्रावधान है जिसके तहत महिला अपने पति और ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा सकती हैं परंतु बहुत सारी महिलाएं इस धारा का दुरुपयोग भी करती हैं ।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जिससे पति और उनके परिवार वालों को पुलिस जेल भेज देते हैं और जब तक कोर्ट द्वारा उन्हें बेल नहीं मिल जाती या निर्दोष साबित नहीं कर दिया जाता तब तक उन्हें तकलीफ उठानी पड़ती है भले ही वह निर्दोष ही क्यों ना हो ।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पत्नी यदि झूठे दहेज के केस या घरेलू हिंसा के केस में आपको फसा दे तो आपको क्या करना चाहिए जिससे आप खुद को और परिवार को दोनों को सुरक्षित कर सकें।<br &sol;>1&period;&rpar; यदि पत्नी धमकी देकर या ब्लैकमेल करके घर छोड़ कर चली गई है तो आप वैवाहिक अधिकारों की प्रतिस्थापन धारा 9 के तहत पत्नी को वापस अपने पास बुलाने के लिए कोर्ट में वाद दाखिल कर सकते है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इससे आपके पास एक बहुत बड़ा सबूत हो जाएगा कि आप पत्नी के साथ रहना चाहते है और उसे रखना चाहते है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>2&period;&rpar; 498A के केस में सीधे गिरफ्तारी का प्रावधान नही है सबसे पहले पति और पत्नी के बीच सुलह के लिए प्रयास किया जाता है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पत्नी जब महिला थाने में केस दर्ज करेगी तब आपको और आपकी पत्नी को थाने में बुलाया जाएगा और समझाया जाएगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कॉउंसलिंग में आपसी मतभेद को सुलझाया जाता है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जब भी आपको कॉउंसलिंग के लिए बुलाया जाए आप थाने जाइये और सच सच बातो को बताइये । कॉउंसलिंग में गिरफ्तारी नही की जाती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>3&period;&rpar; जब कॉउंसलिंग विफल होती है तो जिन धाराओ में मुकदमा पत्नी दर्ज करती है उस मामले में इन्वेस्टिगेशन के लिए crpc की धारा 41a की पुलिस आपको नोटिस भेजती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>अगर आप झूठे नही है तो आप थाने जरूर जाए और अपनी सारी बात बताए।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>4&period;&rpar; एफआईआर दर्ज होने के बाद सबसे पहले आपको खुद को और परिवार को सुरक्षित करने के लिए एंटीसिपेटरी बैल या अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करनी चाहिए<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>ताकि निर्दोष परिवार के सदस्य बिना किसी कारण के सलाखों के पीछे जाने से बच सकें।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>5&period;&rpar; जब भी FIR दर्ज हो जाये मामला कोर्ट में चला जाये तो आप crpc की धारा 482 के तहत FIR निरस्त करवाने के लिए हाई कोर्ट जा सकते है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>साथ ही वहाँ से आपको अरेस्ट स्टे मतलब गिरफ्तारी पर रोक मिल जाती है साथ ही इन्वेस्टिगेशन अफसर को निष्पक्ष जांच के लिए कोर्ट आदेश भी कर देती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>6&period;&rpar; पत्नी द्वारा ब्लैक मेलिंग झूठे आरोप और शिकायतों के बारे में अपने निकटतम पुलिस स्टेशन को सूचित करें या सनहा दर्ज कराएं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>उसमें यह बातें लिखी की पत्नी आपको ब्लैक-मेलिंग झूठे आरोप में फंसाने की धमकी देती है जिससे आप और आपका परिवार मानसिक यातना का सामना कर रहा है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>हालांकि पुलिस इस तरह के मामलों पर ज्यादा गंभीर नहीं होती है इसलिए बेहतर होगा कि आप किसी वकील से अपनी शिकायत पुलिस थाने में दर्ज कराएं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>7&period;&rpar; यदि आप वकील की सहायता नहीं लेना चाहते हैं तो आप अपनी शिकायत एसपी या किसी उच्च अधिकारी को लिखित दें और<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>उसकी एक प्रतिलिपि रिसीव करा कर अपने पास रख लें यदि रिसीविंग नहीं दी जाती है तो आप रजिस्टर्ड डाक या स्पीड पोस्ट के द्वारा अपनी शिकायत लिखकर उच्च अधिकारियों को भेज दे और उसकी रसीद अपने पास सुरक्षित रखें।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>8&period;&rpar; एक उपाय यह भी है कि आप अपनी पत्नी के खिलाफ काउंटर केस दर्ज कर सकते हैं इसके लिए यह जानना जरूरी है कि आप पत्नी पर क्या काउंटर केस कर सकते हैं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>परंतु केस तभी दर्ज करें जब पत्नी द्वारा आप पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया हो&comma; नीचे काउंटर केस से संबंधित लिस्ट है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>भारतीय दंड संहिता&comma; 1860 – की धारा 120 B में आपराधिक षड्यंत्र की सजा का प्रावधान है –<br &sol;>आप अपनी पत्नी के खिलाफ मामला दर्ज कर सकते हैं कि वह आपके खिलाफ अपराध करने की साजिश कर रही है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>भारतीय दंड संहिता&comma; 1860 – धारा 167<br &sol;>अगर कोई सरकारी कर्मचारी गलत दस्तावेज़ तैयार कर रहा है। अगर आपको लगता है कि पुलिस अधिकारी आपकी पत्नी को झूठी शिकायत करने और गलत दस्तावेजों को तैयार करने में मदद कर रहे हैं तो आप उनके खिलाफ मुकदमा दायर कर सकते है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>भारतीय दंड संहिता&comma; की धारा 191 झूठे सबूत देना<br &sol;>अगर आपको संदेह है कि आपकी पत्नी या कोई भी पुलिस स्टेशन या कोर्ट में आपके खिलाफ झूठे सबूत पेश कर रहा है&comma; तो आप मुकदमा कर सकते है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>धारा 500 भारतीय दंड संहिता&comma; 1860 – मानहानि<br &sol;>यदि कोई आपको किसी भी तरह से बदनाम करने का प्रयास करता है&comma; तो आप कोर्ट में केस कर सकते है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>धारा 506 भारतीय दंड संहिता&comma; 1860<br &sol;>आपराधिक धमकी के लिए सजा<br &sol;>आप अपनी पत्नी के खिलाफ आपराधिक धमकी का मामला दर्ज कर सकते हैं कि वह आपको या आपके परिवार या आपकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 227<br &sol;>अगर आपको लगता है कि आपकी पत्नी द्वारा दर्ज शिकायत गलत है तो आप 227 के तहत आवेदन कर सकते हैं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>यदि आपके पास पर्याप्त सबूत हैं&comma; तो संभावना है कि न्यायाधीश केवल 498a मामले को खारिज कर देंगे।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>हाल के एक फैसले में कहा गया है कि अगर एक झूठा आरोप महिला द्वारा एक पति के खिलाफ किया जाता है&comma; कि तलाक के लिए आधार का गठन होगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>यदि पत्नी ने आप पर झूठा दहेज &sol; घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज किया है तो आप खुद को बचा पाएंगे और पत्नी खुद को कोर्ट में सही साबित नहीं कर पायेगी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>परन्तु यदि आप झूठ बोल रहे होंगे तो कोर्ट आपकी याचिका खारिज कर देग। जब भी पत्नी झूठे केस में फसाने की धमकी दे तो उसके चैटिंग&comma; कोई ऑडियो रेकॉर्डिंग या कोई मैसेज अपने पास सुरक्षित जरूर रखे।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>ये सबूत आपको कोर्ट में तत्काल बेल लेने में काम आएंगे साथ ही कोर्ट में ट्रायल के दौरान भी आप सबूत के तौर पर पेश कर सकते है। जिससे दहेज के झूठे केस से बच सकते है।<&sol;p>&NewLine;

Advertisements

Related posts

कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी लगाने से पहले जान लें यह बाते, केवल इन आधार पर मिलता है डिवोर्स!

दादा की संपत्ति में पोते का होता है इतना अधिकार, जानिए क्या कहता है कानून…

सुप्रीम कोर्ट का अहम फैशला अब पत्नी पति के रिश्तदारों को 498 Aकेस में नही फसा पाएगी