भरगामा में अवैध रूप से चल रही दर्जनों आरा मशीने, जिम्मेदार कौन?

अररिया, रंजीत ठाकुर सभी नियमों को ताख पर रखकर पूरे भरगामा प्रखंड भर में दर्जनों गैर कानूनी आरा मशीनें चल रही है. इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. एक तरफ सरकार पौधा रोपण कर चहुंओर हरियाली लाने की दिशा में प्रयास कर रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार की इन मनसूबे पर अवैध आरा मशीन संचालकों ने पानी फेरकर प्रतिबंधित हरी-भरी पेड़ को बेरोक-टोक काटकर हरियाली को बर्बाद करने में लगा हुआ है,लेकिन फिर भी विभागीय स्तर पर इस प्रकार के अवैध कारोबार पर रोक लगाने की दिशा में अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है. लिहाजा इन अवैध आरा मशीन संचालकों का हौसला बुलंद है. इससे सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि तो हो हीं रही है.

साथ हीं पर्यावरण पर भी खतरा मंडरा रहा है. मालूम हो कि लकड़ी माफिया जंगलों और सड़कों किनारे लगे आम,शीशम,सागौन,तुन व सिंबल, महुआ, इमली, बरगद,नीम आदि के पेड़ों को काटकर इन्हीं आरा मिलों में खपाते हैं. इधर जानकार बताते हैं कि भरगामा प्रखंड इलाके में एक दर्जन से भी अधिक आरा मशीन धड़ल्ले से चल रहा है. वहीं सूत्र बताते हैं कि भरगामा थाना इलाके के सिमरबनी,शंकरपुर,शेखपुरा,जयनगर,कुसमोल,रघुनाथपुर,सिरसिया कला, पैकपार, भरगामा, सुकेला, खजुरी, धनेश्वरी, खुटहा बैजनाथपुर,नया भरगामा,हरीपुरकला आदि में इस प्रकार के दर्जनों अवैध आरा मशीनें संचालित है.

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बताया जाता है कि इस प्रकार के अवैध मशीनों के संचालन की जानकारी वन विभाग को भी है. फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इधर स्थानीय लोगों ने वन विभाग और स्थानीय पुलिस से अवैध आरा मिलों पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं इस संबंध में वन विभाग के डीएफओ संजीव रंजन ने इन अवैध आरा मशीनों के संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है.

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