लोक शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण करने का डीएम ने दिया आदेश

पटना(न्यूज क्राइम 24): जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में शिकायतों की सुनवाई की गई एवं उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में संवेदनहीनता, शिथिलता एवं अरूचि प्रदर्शित करने के आरोप में लोक प्राधिकार के विरुद्ध अर्थदंड अध्यारोपित किया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज *लोक शिकायत के कुल 13 मामलों की सुनवाई* की गयी। 07 मामलों का निवारण एवं 06 मामलों में अंतरिम आदेश पारित किया गया। एक मामले में लापरवाही बरतने के कारण लोक प्राधिकार के विरूद्ध अर्थदंड लगाया गया। *अंचल अधिकारी, बिहटा के विरुद्ध ₹ 5,000 (पाँच हजार) का दंड लगाया गया।

दरअसल अपीलार्थी श्री गोपाल प्रसाद वर्मा, पता-श्रीरामपुर, बिहटा, अनुमंडल-दानापुर, जिला-पटना द्वारा जिला पदाधिकारी, पटना-सह-द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अंचल बिहटा, मौजा श्रीरामपुर के सूर्य मंदिर रोड से गैरमजरूआ आम भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने के संबंध में अपील दायर किया गया था। डीएम डॉ. सिंह द्वारा विगत सुनवाई में लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बिहटा को प्रश्नगत भूमि को 15 दिनों के अंदर अतिक्रमण मुक्त करा कर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन के साथ आज दिनांक 24 फरवरी, 2023 को सुनवाई में उपस्थित रहने का निदेश दिया गया था।

परन्तु अंचल अधिकारी द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई एवं शिथिलता बरतते हुए अतिक्रमण हटाने के बदले में केवल समय का पुनर्निर्धारण किया गया। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि परिवादी द्वारा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, दानापुर के कार्यालय में दिनांक 15.06.2022 को परिवाद दर्ज किया गया था। कृत कार्रवाई प्रतिवेदन समर्पित करने की अंतिम तिथि 24 फरवरी को सुनवाई तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है

जबकि जिलाधिकारी के आदेश पर अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर के स्तर से दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी। आज की सुनवाई में उपस्थित लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बिहटा अतिक्रमण नहीं हटाए जाने का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए बल्कि उन्होंने अतिक्रमण हटाकर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन समर्पित करने की अंतिम तिथि को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रयास करने के बारे में कहा।

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डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, बिहटा की यह कार्यशैली स्पष्ट करता है कि वे बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को *गंभीरता से नहीं लेते हैं एवं जनहित के कार्यों, सरकारी दायित्वों तथा कार्यों के प्रति उनका लापरवाह एवं गैर जिम्मेदाराना रवैया है। फलस्वरूप परिवादी को सेवा प्रदान करने में अनावश्यक आठ महीना का विलंब हुआ।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अंचल अधिकारी की यह कार्यशैली स्वेच्छाचारिता, निदेशों के अनुपालन में शिथिलता तथा लोक शिकायत निवारण के प्रति उनकी संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। उन्होंने अंचल अधिकारी, बिहटा के विरूद्ध ₹ 5,000/- (पाँच हजार) का अर्थ दंड लगाते हुए लगभग आठ महीना से जनहित के महत्वपूर्ण मामले में शिथिलता बरतने के कारण उनके विरूद्ध कारण-पृच्छा किया।

अगर उनका स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं होगा तो उनके विरूद्ध अग्रतर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डीएम डॉ. सिंह ने आज की सुनवाई में उपस्थित अंचल अधिकारी, बिहटा को 01 मार्च, 2023 तक अतिक्रमण हटाकर परिवाद का निवारण करते हुए कृत कार्रवाई प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया। यदि उनके द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया जाता है तो उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। डीएम डॉ. सिंह द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, दानापुर एवं अपर पुलिस अधीक्षक, दानापुर को इस मामले का अनुश्रवण कर अनुपालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को संवेदनशीलता एवं तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहें।

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