अररिया(रंजीत ठाकुर): स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्त जल्द रद्द होने वाली है। सभी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को अब अपने मूल स्थान पर सेवाएं देनी होगी। गौरतलब है कि जिलास्तर से ही कई स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति मूल पदस्थापना के अतिरिक्त दूसरे स्वास्थ्य संस्थान में किये गये हैं। इससे मूल पदस्थापित संस्थानों में आये मरीजों को चिकित्सा संबंधी समुचित सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में भी कर्मियों की प्रतिनियुक्ति को रद्द करते हुए मूल स्थान पर उनके योगदान को लेकर आदेश प्राप्त है। बावजूद इस दिशा में समुचित प्रगति नहीं होता देख राज्य सरकार के उप सचिव शैलेश कुमार द्वारा इस संबंध में सभी जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को पत्र जारी करते हुए जरूरी निर्देश दिये हैं।
प्रतिनियुक्ति रद्द करने को लेकर की जा रही जरूरी पहल :
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने विभागीय आदेश का हवाला देते हुए बताया कि स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति को रद्द करते हुए मूल स्थानों पर उनका योगदान सुनिश्चित कराने को लेकर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। सभी संबंधित पदाधिकारी व कर्मियों को इस संबंध में जरूरी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से जु़डी परिस्थितियों के कारण पूर्व में जिले के कुछ स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों में की गयी थी। सरकार द्वारा प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में ऐसे कर्मियों की प्रतिनियुक्ति रद्द किये जाने को लेकर जरूरी कार्रवाई की जा रही है।
स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सक ही होंगे अस्पताल के प्रभारी :
सिविल सर्जन ने बताया कि राज्य सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि बिहार स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के हीं वरीय चिकित्सा पदाधिकारी को अपने अधीनस्त अस्पतालों का प्रभार सौंपा जाये। इस दिशा में भी जरूरी पहल किये जाने की जानकारी उन्होंने दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के वरीय चिकित्सक को ही संबंधित स्वास्थ्य इकाई का प्रभार व निकासी व व्यय संबंधी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।