पूर्णिया, न्यूज क्राइम 24। जिले में 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन यानी एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा। एमडीए की शत प्रतिशत सफलता के लिए कार्यक्रम की सघन निगरानी बेहद जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एक नई पहल की है। क्योंकि इस बार एमडीए कार्यक्रम की दैनिक कवरेज की रिपोर्टिंग के लिए एक सुक्रत्या नामक एप को विकसित किया गया है। जिले के सभी प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) अतिमहत्वपूर्ण कार्यक्रम एमडीए की दैनिक कवरेज की रिपोर्टिंग एप के माध्यम से करेंगे।
जिसको लेकर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित सभागार में आयोजित जिला स्तरीय कार्यशाला में प्रशिक्षक डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय सलाहकार डॉ दिलीप कुमार झा और पिरामल स्वास्थ्य के डीपीओ चंदन कुमार के द्वारा उपस्थित सभी प्रतिभागियों को सुक्रत्या एप के संबंध में बारीकी के साथ प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल, वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी (वीडीसीओ) रविनंदन सिंह, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार (डीवीबीडीसी) सोनिया मंडल, कर्मी रामकृष्ण परमहंस, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, पीरामल के बीसी शिवशंकर सहित जिले के सभी बीसीएम और डेटा ऑपरेटर उपस्थित थे।
ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग पर दिया जाएगा विशेष ध्यान: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि आगामी 20 सितंबर से पूर्णिया सहित राज्य के 11 जिलों में एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा। एमडीए कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफ़ल बनाने के लिए प्रत्येक स्तर पर तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं। अभियान की कुशल निगरानी के लिए दैनिक कवरेज की ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण रिपोर्टिंग बेहद जरूरी है। इसके लिए विभागीय स्तर पर सुक्रत्या नामक एप को विकसित किया गया है। लेकिन इसकी दैनिक रिपोर्टिंग गुणवत्ता पूर्ण सुनिश्चित करने के लिए बीसीएम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसको लेकर जिले के सभी बीसीएम और डेटा ऑपरेटर को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम) एवं जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (भीबीडीसीओ) दैनिक रिपोर्टिंग पर नजर रखेंगे।
पहली बार 14 दिनों के बदले 17 दिनों तक खिलाई जाएगी दवा: डीवीडीसीओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि इस बार के एमडीए अभियान में पहली बार बूथ निर्माण कर लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित किया गया है। बूथ का निर्माण आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहित मेडिकल कॉलेज पर होगा। सबसे अहम बात यह है कि बूथ रणनीति के तहत पहले 3 दिनों तक बूथ लगाकर एवं इसके बाद 14 दिनों तक आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर दवा खिलाई जाएगी। इस तरह अब 14 दिनों की जगह 17 दिनों तक सभी लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इस बार के एमडीए अभियान में मार्कर पेन का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसमें सभी दवा खाने वाले लोगों की उंगली पर निशान लगाया जाएगा। इसके लिए सभी ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कराने वाली टीम को मार्कर पेन भी उपलब्ध कराया गया है।
जिला स्तर पर बीसीएम को किया गया प्रशिक्षित: डीपीओ
पिरामल स्वास्थ्य के डीपीओ चंदन कुमार ने बताया कि राज्य स्तर पर जिला सामुदायिक उत्प्रेरक एवं भीबीडीसीओ को विगत 10 अगस्त को ही एप संचालन को लेकर प्रशिक्षित किया जा चुका है। जिसके बाद जिला स्तर पर प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक (बीसीएम) को एप संचालन के लिए विभागीय स्तर पर पिरामल स्वास्थ्य के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया है। ताकि एमडीए कार्यक्रम की सघन निगरानी विभागीय स्तर पर की जा सके। लेकिन रिपोर्टिंग एवं गुणवत्ता पर नजर रखने की जिम्मेदारी डीसीएम एवं भीबीडीसीओ को दी गई है।