फुलवारी शरीफ़, अजित :फेफड़ा कैंसर जागरूकता माह नवम्बर को लेकर फेफड़ा कैंसर के खिलाफ जागरूकता जगाने के लिए रोटरी पटना मिडटाउन ने किरण दृष्टि और सवेरा कैंसर हाॅस्पिटल के सहयोग से आज गुरुवार 28 नवम्बर को आर्केड बिजनेस काॅलेज, पटना में कैंसर के खिलाफ खासकर फेफड़ा कैंसर पर बातचीत के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए रोटरी पटना मिडटाउन के अध्यक्ष तथा सवेरा कैंसर हाॅस्पिटल के एम.डी. डाॅ. वी.पी. सिंह ने काॅलेज के छात्र-छात्राओं को तम्बाकू सेवन से पूर्णतः परहेज करने की सलाह दी। रोटरी पटना मिडटाउन द्वारा किरण दृष्टि और सवेरा हाॅस्पिटल के सहयोग से आर्केड बिजनेस काॅलेज में आयोजित फेफड़ा कैंसर जागरूकता कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं को तम्बाकू का सेवन न करने की डाॅ. वी.पी. सिंह ने सलाह दी.
तम्बाकू को कई कैंसरों का जन्मदाता माना गया है। तम्बाकू से होने वाले कैंसरों में अन्ननालिका (एसोफैगस) का कैंसर, पेट का कैंसर, यूरिनरी ब्लाडर का कैंसर और मुंह का कैंसर शामिल है। उन्होंने कहा कि कोई भी कैंसर अचानक नहीं होता, ब दिन-व-दिन धीरे-धीरे कई चरणों में बढ़ता है और वह अपने लक्षणों को दिखा रहा होता है, पर आम आदमी इसे समझकर भी नजर अंदाज करता है। इसीलिए उन्होंने कहा कि जब भी मुंह या किसी अंग में कोई लक्षण कुछ समय तक दिखाई पड़े तो तत्काल विशेषज्ञ डाॅक्टर से सलाह लेनी चाहिए। डाॅ. सिंह ने कहा कि शुरुआती दौर में पकड़ में आने पर कुछ कैंसर के ठीक होने की संभावना रहती है, इसलिए आप अपने शरीर और अंग में हो रहे परिवर्तन पर बारीक नजर रखिए। उन्होंने कहा कि यदि आप तम्बाकू का सेवन न करेंगे तो कैंसर से बच सकेंगे।
इस मौके पर सवेरा कैंसर हाॅस्पिटल की रेडिएशन आॅन्कोलाॅजिस्ट डाॅ. अमृता राकेश ने कहा कि अन्य कैंसर में कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं जबकि फेफड़ों का कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि के रूप में शुरू होता है। फेफड़ों का कैंसर विष्वभर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है। धूम्रपान करने वाले लोगों को फेफड़े के कैंसर का सबसे ज्यादा जोखिम होता है। लेकिन फेफड़े का कैंसर उन लोगों में भी होता है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया हो। उन्होंने कहा कि फेफड़े के कैंसर के लक्षण आमतौर पर तब दिखाई पड़ते हैं, जब बीमारी गंभीर अवस्था में पहुंच जाती है। एक नई खांसी जो ठीक नहीं होती, छाती में दर्द, खांसी में खून आना, चाहे थोड़ी ही मात्रा में क्यों नहीं हो, आवाज का बैठना, सांस लेने में कठिनाई और छाती में घड़घड़ाहट फेफड़े के कैंसर के लक्षण माने गये हैं। जब यह कैंसर शरीर में फैलने लगता है तो हड्डी में दर्द, सिरदर्द, वजन कम होना, भूख में कमी और चेहरे और गर्दन में सूजन आ जाती है। उन्होंने कहा कि इनमें से कोई लक्षण किसी को दिखे तो तुरंत विशेषज्ञ डाॅक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
डाॅ. राकेश ने कहा कि फेफड़े के कैंसर का मुख्य कारण धूम्रपान है, लेकिन धूल-धक्कड़ तथा कैंसर पैदा करने वाले पदार्थों के सम्पर्क में आना भी इसके कारण पाये गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारे हाॅस्पिटल में फेफड़े के कैंसर का सम्पूर्ण इलाज उपलब्ध है। सर्जरी, रेडिएशन तथा कीमो तीनों ही तरह के इलाज के लिए अत्याधुनिक विष्वस्तरीय मशीनें तथा सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से जोर देकर कहा कि अभी इस उम्र में आप बुरी आदत डालने से बचेंगे तो स्वस्थ रहेंगे।