अशोक जख्मी और रौनक परवीन की फनकार से रंगीन बनी रातें, SDPO ने भी बिखेरा जलवा

जमुई(मो० अंजुम आलम): सदर प्रखंड के अमरथ गांव में सैयद अहमद खान गाजी जाजनेरी के मजार पर लगे उर्स मेला के अवसर पर बुधवार की शाम मुकाबला कव्वाली का आयोजन किया गया। कव्वाली का शुभारंभ बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रावैधिगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने किया।इस अवसर पर कमिटी के सदस्यों ने मंत्री सुमित कुमार सिंह को साल, बुके व हार देकर सम्मानित किया। उसके बाद मुकाबला कव्वाली नामचीन कव्वाल मुम्बई के अशोक जख्मी और मुजफ्फरपुर की रौनक प्रवीण के बीच शुरू हुआ। इस मुकाबला कव्वाली का मंत्री ने भी खूब लुत्फ उठाया।इस अवसर पर मंत्री ने मुकाबला कव्वाली को खूब सराहा, और अमरथ गांव में होने वाले उर्स मेले में हर संभव मदद करने के साथ साथ इस गांव का विकास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज की एकता बनाए रखने को लेकर यदि मुझे अपनी प्राण की आहुति भी देना पड़े तो मैं पीछे नहीं हटूंगा । उन्होंने कहा कि समाज को तोड़ने वाले किसी व्यक्ति से मेरा या मेरे परिवार का कोई किसी रिश्ता नहीं रहता है। उन्होंने कहा कि आप लोगों का जो प्यार मिलता है वही मेरे लिए बहुत है।

एसडीपीओ ने अपने स्वर से लोगों को किया प्रभावित-

मुकाबला कव्वाली का एसडीपीओ डा. राकेश कुमार ने भी घंटों आनंद उठाया और शेर व शायरी के साथ गजल पेश कर लोगों का मन मोह लिया। एसडीपीओ की प्रस्तुति ने लोगों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। एसडीपीओ के गजल और शायरी ने लोगों को प्रभावित किया। उन्होंने अपने गजल में कहा कि मैं मांगता ही नहीं वहां दे देता है। बड़ी अजीब करिश्मा है उस कुदरत का, बिन मांगे ही सबकुछ दे देता है। शोला हूँ भड़कने की कोशिश नहीं करता, सच मुंह से निकल जाता है मैं कोशिश नहीं करता,मैं गिरती हुई दीवारों का हमदर्द हूँ लेकिन चढ़ते हुए सूरज की परिस्तिस नहीं करता। इसके अलावा उनके गजल जब से खाके दरे अशरफी हो गया,लोग कहने लगे मैं वली हो गया ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।

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ये दिल उनका दीवाना हो गया, मगर दुश्मन जमाना हो गया-

अशोक जख्मी और रौनक प्रवीण का गजल ये दिल उनका दीवाना हो गया है,मगर दुश्मन जमाना हो गया। होंठों पर तेरे प्यार का इज़हार हो न हो, मैं कर चुकी हूं प्यार तुझे प्यार हो न हो। शहरें बसा ले हुस्न का बाज़ार हो न हो,बिकने को हम चले हैं खरीदार हो न हो। अल्लाह बेशक कहता है मेरा नूर मदीने में रहता है सहित अन्य गजलों पर लोग रातभर झूमते रहे। कव्वाली सुनने के लिए काफी दूर-दूर से लोग पहुंचे थे।मुकाबला कव्वाली का आनंद गुरुवार की सुबह तक लोग उठाते रहे। वहीं अशोक जख्मी और रौनक प्रवीण ने एक से बढ़कर एक कव्वाली की प्रस्तुति कर लोगों को झुमने पर मजबूर कर दिया। मुकाबला में पुरुष और महिला कव्वाल दोनों एक दूसरे पर हावी रहे, रातभर सेर व शायरी का दौर चलता रहा।कव्वाली हिंदी, उर्दू, भोजपुरी, मैथली सहित अन्य भाषाओं में लोगों को खूब लुभाया।कव्वाली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतेज़ाम थे। इस अवसर पर उर्स कमिटी के सचिव सैयद जावेद आलम, सैयद नौशाद आलम, जुल्फक्कर अली भुट्टो, जमुई विधान सभा के पूर्व प्रसत्याशी सह अड़सार मुखिया पति मु. शमसाद आलम,अमरथ मुखिया प्रतिनिधि सह समाजसेवी धीरज मोदी, हिफजूर रहमान,गुड्डू, गौहर सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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