अररिया, रंजीत ठाकुर रानीगंज प्रखंड क्षेत्र के धामा पंचायत के वार्ड संख्या 11 स्थित प्राथमिक विद्यालय अयूब टोला रानीगंज से शिक्षा विभाग को चौंकाने वाला एक मामला सामने आया है. सरकार व विभाग दिन रात शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर लेनी की दावा करती है,लेकिन सरकार का ये दावा सिर्फ शायद कागज पर हीं सिमट कर रह गया है. ये विद्यालय के प्रधान बच्चों को मध्याह्न भोजन खिलाने के जगह खुद खा रही है. दो अक्तूबर को विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों में 5 वीं के छात्र सदाकत, साजिया, रहिना,मिन्नतुल्लाह आदि ने बताया कि 22 अगस्त से 1 अक्तूबर तक विद्यालय में मध्याह्न भोजन नहीं बना है. लेकिन कागज पर बच्चों के बीच भोजन परोस दिया गया है.
क्या कहते हैं रसोइया….
प्राथमिक विद्यालय अयूब टोला के रसोईया बिलकिस व कमरून निशा ने भी बताई कि हमलोग पांच-छः दिन से विद्यालय में खाना नहीं बनाए हैं. अब सवाल उठता है कि जब विद्यालय में रसोइया खाना हीं नहीं बनाई तो खाना विद्यालय प्रधान बच्चों को कैसे परोस दिया है. जिसका प्रमाण ऑनलाइन भी दिख रहा है. आखिर बच्चे को बिना भोजन खिलाए रिपोर्ट कर देना और सरकारी राशि का गलत दुरुपयोग करना ये कहां तक उचित है यह एक गंभीर सवाल है.?
क्या कहते हैं स्थानीय ग्रामीण ….
ग्रामीणों में विद्यालय के सचिव निकहत,अब्दुल अहद,मो.अब्बास,अब्दुल मन्नान आदि ने बताया कि विद्यालय में छः रोज भोजन नहीं बना फिर कैसे बच्चों का हाजरी बना दिया गया है साथ हीं शिक्षका का जब मर्जी होता है विद्यालय आती है जब मर्जी होता है चली जाती है. कभी कभी तो विद्यालय आए बगैर भी विद्यालय से कुछ हीं दूरी पर मोबाईल से हाजिरी बनाकर घर लौट जाती है. इस मामले को लेकर प्राथमिक विद्यालय अयूब टोला के प्रधान के खिलाफ दर्जनों ग्रामीणों ने विद्यालय में एमडीएम नहीं बनने के बाद रिपोर्ट करने व विद्यालय की एक शिक्षिका के यूपी में रहने के दौरान भी विद्यालय में उनकी हजारी बनाने के मामले को लेकर गुरुवार को बीईओ को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है.
क्या कहते हैं प्रधानाध्यापिका….
इधर,प्रधानाध्यापिका नलिनी कुमारी ने भी एक वीडियो में यह कही है कि विद्यालय में पानी होने के कारण एमडीएम नहीं बना था. अब सवाल उठता है कि जब भोजन बना हीं नहीं तो बच्चे को रजिस्टर पर कैसे खिलाया गया है. लोगों ने इस विद्यालय के हर बिंदु पर जांच कर कड़ी कारवाई का मांग किया है.
क्या कहते हैं बीईओ….
इधर बीईओ चंदन कुमार ने कहा कि आवेदन मिला है,जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गुरुजी स्कूल जाएं या नहीं मोबाइल समय से पहुंच जा रहा स्कूल…
स्कूलों में गुरुजी के ऑनलाइन हाजिरी लगाने में भी गजब का खेला चल रहा है. यहां ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए गुरुजी समय से विद्यालय जाएं या ना जाएं,लेकिन गुरु जी का मोबाइल समय से विद्यालय पहुंच जा रहा है. इतना ही नहीं खास बात तो यह है कि विद्यालय जाने के बाद भी गुरुजी एक-दो घंटे विद्यालय में रुकने के बाद विद्यालय बंद होने से पहले हीं घर लौट जा रहे हैं,लेकिन गुरु जी का मोबाइल विद्यालय बंद होने तक विद्यालय में हीं रहकर हाजिरी पूरी करता है.
हाजिरी के नाम पर चल रहा खेल
विद्यालय बंद होने के बाद सहयोगी शिक्षक द्वारा अपने मोबाइल से विद्यालय छोड़ने की हाजिरी लगाने के बाद अपने सहयोगी शिक्षक जिनकी मोबाइल लिए हैं उनकी भी हाजिरी लगा दे रहे हैं,मजे की बात है कि यही खेला जिले के अधिकतर विद्यालयों में चल रहा है,लेकिन अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है.