बालक का पंचकोसीय विकास संभव : प्रदीपकुमार कुशवाहा

औरंगाबाद(प्रमोद कुमार सिंह): सरस्वती विद्या मंदिर सरस्वती विद्या मंदिर औरंगाबाद के परिसर में
भारतीशिक्षा समिति दक्षिण बिहार के द्वारा  आयोजित तीन दिवसीय आचार्य प्रतिभा विकास वर्ग के समापन समारोह में आचार्य को  संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि हम लोग विद्या भारती के ऐसे दिवाने कार्यकर्ता हैं जो शिक्षा के माध्यम से समाज को परिवर्तन करके मानेंगे ।

उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने अपने पाठ्यक्रम में बालक के सर्वांगीण विकास के लिए पांच केन्द्रीय आधारभूत विषय निर्धारित किया है। ये विषय हैं शारीरिक,योग, संगीत, संस्कृत एवं नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा। शारीरिक शिक्षा से अन्नमयकोष,योग से प्राणमयकोष , संगीत शिक्षा से मनोमयकोष, संस्कृत शिक्षा से विज्ञानमयकोष तथा नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा से आनंद- मयकोष का विकास होता है।

इस तरह सभी बालकों का पंचकोशीय विकास होता है। ये सभी विषय विद्या भारती के वंदना में शामिल है साथ ही इन सभी विषयों का कक्षा सह रूटीन में भी शामिल है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी उपरोक्त सभी विषय को रखा गया है।

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इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विरेन्द्र कुमार ने कहा कि आचार्य को अपने आचरण से समाज में आदर्श स्थापित करना चाहिए उन्होंने आदर्श आचार्य के अनेकों गुणों को विस्तार से चर्चा की।
आज के कार्यक्रम में सूर्य नमस्कार की प्रतियोगिता हुई।

जिसमें पुरुष आचार्य वर्ग में प्रथम स्थान जीवन राठौड़ मोहनियां, द्वितीय स्थान बरुण कुमार,कूदरा तृतीय स्थान रवीन्द्र चौधरी तिलौथू महिला आचार्य वर्ग में प्रथम स्थान कृष्णलता, रामगढ़ द्वितीय स्थान पिंकी कुमारी,राम गढ़ तथा तृतीय स्थान ऋतु कुमारी,नुआंव ने प्राप्त किया इस कार्यक्रम में रोहतास विभाग से तीस विद्यालय से साढ़े चार सौ आचार्यौ ने भाग लिया।

कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन संयुक्त रूप से आंगतुक अतिथियों ने किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. संजीव रंजन तथा धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के प्रधानाचार्य सुमंत कुमार चौधरी ने किया। मंच संचालन प्रांत के मीडिया प्रमुख राकेश नारायण अम्बष्ट ने की। इस अवसर पर भारती शिक्षा समिति के सभी पूर्णकालिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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