राष्ट्रीय मिर्गी दिवस पर एम्स पटना ने एनएमओ के सहयोग से किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>फुलवारीशरीफ&comma; अजित।<&sol;strong> राष्ट्रीय मिर्गी दिवस के अवसर पर एम्स पटना के न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी विभाग ने नेशनल मेडिकोस ऑर्गेनाइज़ेशन &lpar;एनएमओ&rpar;&comma; एम्स पटना इकाई के सहयोग से व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया&period; कार्यक्रम का उद्देश्य मिर्गी के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना&comma; समय पर पहचान&comma; नियमित उपचार की महत्ता बताना और इस बीमारी से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों को दूर करना था।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जागरूकता अभियान दो चरणों में आयोजित किया गया—एम्स पटना परिसर और फुलवारीशरीफ ब्लॉक के निकट स्थित रानीपुर गाँव&period; सुबह 7&colon;30 बजे रानीपुर गाँव में आयोजित आउटरीच कार्यक्रम में कुल 32 रोगियों की स्वास्थ्य जाँच&comma; परामर्श और आवश्यक दवाओं का वितरण किया गया&period; ग्रामीणों को मिर्गी के लक्षण&comma; उपचार की उपलब्धता&comma; दवाओं के नियमित सेवन और जीवनशैली संबंधी सावधानियों की जानकारी दी गई।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>एम्स पटना परिसर में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में प्रो&period; &lpar;ब्रिगेडियर&rpar; डॉ&period; राजू अग्रवाल&comma; कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ&comma; प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; संजय पांडे&comma; प्रभारी डीन अकादमिक एवं डीन अनुसंधान&comma; प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; ज्योति प्रकाश&comma; रजिस्ट्रार एवं विभागाध्यक्ष सामान्य चिकित्सा&comma; प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; अमित राज&comma; प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक एवं विभागाध्यक्ष नेत्र विज्ञान&comma; नीलोत्पल बल&comma; उप निदेशक &lpar;प्रशासन&rpar;&comma; प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; विकास चंद्र झा&comma; विभागाध्यक्ष न्यूरोसर्जरी सहित कई संकाय सदस्यों&comma; चिकित्सकों&comma; रेज़िडेंट डॉक्टरों&comma; नर्सिंग स्टाफ और स्थानीय लोगों ने भाग लिया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कार्यक्रम में वक्ताओं ने मिर्गी के बढ़ते मामलों&comma; लक्षणों की पहचान&comma; आधुनिक उपचार पद्धतियों और समय पर चिकित्सा सहायता की अनिवार्यता पर विस्तृत जानकारी दी। प्रो&period; &lpar;ब्रिगेडियर&rpar; डॉ&period; राजू अग्रवाल ने मिर्गी के दौरे के दौरान सही व्यवहार&comma; भ्रांतियों और मिथकों को दूर करने की सलाह दी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>डॉ&period; संजय पांडे ने मिर्गी के प्रमुख लक्षणों को पहचानने की विधि बताई। प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; ज्योति प्रकाश ने स्पष्ट किया कि दौरे के समय जूते सूँघाना या नाक बंद करना जैसे प्रचलित तरीके गलत और हानिकारक हैं। प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; अमित राज ने जोर दिया कि मिर्गी के दौरे के तुरंत बाद मरीज को सुरक्षित स्थिति में लाकर शीघ्र चिकित्सा सहायता प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है। कार्यक्रम का संदेश स्पष्ट रहा—मिर्गी एक सामान्य और उपचार योग्य बीमारी है&comma; और सही जानकारी एवं समय पर इलाज से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।<&sol;p>&NewLine;

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