जमुई(मो.अंजुम आलम): केंद्र सरकार द्वारा आयुष चिकित्सक को सर्जरी करने की अनुमति देने के विरोध में मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. अमित आनन्द और जिला सचिव डॉ. कविता सिंह के नेतृत्व में संघ के सदस्यों ने शहर में विरोध मार्च निकाला। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए अविलंब इस फैसले को वापस लेने की मांग की। बता दें कि विरोध मार्च सदर अस्पताल परिसर स्थित सिविल सर्जन कार्यालय के समीप से निकलकर बेसिक स्कूल के समीप से गुजरते हुए गांधी पुस्तकालय के गेट होते हुए पुन: सदर अस्पताल परिसर में आकर समाप्त हो गई। विरोध मार्च के दौरान आईएमए के सभी सदस्य अपने फूल ड्रेस में थे, साथ ही सभी सदस्य अपने कपड़ा में मिस्कोपैथी को नो कहें का बोर्ड लगा रखा था। विरोध मार्च के बाद सभी सदस्यों ने सिविल सर्जन कार्यालय के सभागार में बैठक भी आयोजित की। जिसमें संघ के केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय को अमलीजामा पहनाने को लेकर कमर कसने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर सचिव डा. कविता सिंह ने बताया कि आयुष चिकित्सक जड़ी बूटी से इलाज करने के लिए माने जाते हैं। लेकिन केंद्र सरकार इन्हें भी सर्जरी कार्य का हक देकर हम लोगों के साथ नाइंसाफी करने का कार्य किया है। इस अवसर पर आईएमए सेंट्रल कमेटी के सदस्य डॉ. ललित कुमार सिंह ने बताया कि अगर सरकार इस फैसले पर पुनः विचार कर इसे वापस नहीं लेती है तो सभी सदस्य सुप्रीम कोर्ट तक जाने के लिए तैयार हैं। इस मौके पर डॉ. शुचि प्रसाद सिंह, सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. नागेंद्र कुमार, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीषी आनंत, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता सिंह, डॉ. बलेंद्र कुमार, डॉ. संजय मंडल, डॉ. नम्रता कुमारी, डॉ. मंजू चौहान, डॉ. स्मृति किरण, डॉ. सुमन कुमार, डॉ. एसके गुप्ता, डॉ. प्रदीप सिंह, डॉ. सुरेंद्र कुणाल आदि चिकित्सक मौजूद थे।
11 दिसंबर को इमरजेंसी छोड़कर 12 घंटे ओपीडी रहेगा ठप्प-
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ अमित आनन्द एवं सचिव डॉ. कविता सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार के विरोध में हम लोग संघ के केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर आगामी 11 दिसंबर को 12 घंटे तक काम ठप्प रखेंगे। हालांकि इस दौरान आपातकालीन चिकित्सा और कोविड – 19 से संबंधित कार्य जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इसके बावजूद भी अगर सरकार ठोस नीति नहीं बनाती है तो संघ के निर्देशानुसार हम लोग आगे की कार्रवाई के लिए भी तैयार रहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस पर भी सरकार उनकी बात पर ध्यान नहीं देती है तो संघ द्वारा कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।